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020 _a9788171381364 (HB)
040 _aIN-BhIIT
041 _ahin
082 _a891.433
_bMUD/A
100 _aMudgal, Chitra.
_eAuthor
_917354
245 _6880-02
_aAamba /
_cby Chitra Mudgal.
260 _aNew Delhi :
_bSamayik Prakashan,
_c2019.
300 _a544 p. :
_bill. ;
_c22 cm.
504 _aIncludes bibliographies and index
520 _aबीसवीं सदी के अंतिम प्रहर में एक मज़दूर की बेटी के मोहभंग, पलायन और वापसी के माध्यम से उपभोक्तावादी वर्तमान समाज को कई स्तरों पर अनुसंधानित करता, निर्ममता से उधेड़ता, तहें खोलता, चित्रा मुदगल का सुविचारित उपन्यास 'आवां' अपनी तरल, गहरी संवेदनात्मक पकड़ और भेदी पड़ताल के अंतर्व्याप्त रचना-कौशल से जिन बिंदुओं पर पाठकों को आत्मालोचन के कटघरे में ले, जिस विवेक की माँग करता है- वह चुनौती झेलना आज की अनिर्वायता है।
650 _aHindi novel.
_917397
880 _6100-02
_aआवां /
_cचित्रा मुद्गल के द्वारा।
942 _cRB
999 _c14256
_d14256